क्या आप जानते हैं झारखंड में ऊर्जा प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत विद्युत है ?
” Power Plants of Jharkhand ” मतलब झारखण्ड के विद्युत् परियोजनाएं। झारखण्ड में अनेकों विद्युत परियोजनाएं मौजूद हैं। झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2599 मेगावाट है । राज्य में प्रति इकाई की खपत 200 किलोवाट है जो की राष्ट्रीय औसत 450 किलोवाट के आधे से भी कम है ।
झारखंड के विद्युत परियोजनाएं
झारखंड राज्य को विद्युत की प्राप्ति दो तरह की परियोजनाओं से होता है ।
- ताप विद्युत परियोजना ( Thermal Power Projects )
- जल विद्युत परियोजना ( Hydel Power Projects )
A . ताप विद्युत परियोजनाएं
झारखंड विद्युत उत्पादन में ताप विद्युत परियोजनाओं का महत्व अधिक है क्योंकि यह कोयला पर आधारित है । साथ ही यहां की ऊंची नीची भूमि में इसका Transmission आसान है ।
झारखंड में 4 ताप विद्युत परियोजनाएं चलाई जा रही हैं ।
1. बोकारो ताप विद्युत गृह
2. चंद्रपुरा ताप विद्युत गृह
3. पतरातु ताप विद्युत गृह
4. तेनुघाट ताप विद्युत गृह
बोकारो ताप विद्युत गृह :
दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत कोयले पर आधारित प्रथम विद्युत संयंत्र बोकारो ताप विद्युत गृह स्थापित किया गया . यह कोनार नदी पर स्थित है । यह दामोदर की एक सहायक नदी है । बोकारो ताप विद्यत गृह फरवरी ,1953 में यहां बिजली उत्पादन शुरू हुआ । इसकी उत्पादन क्षमता 830 मेगावाट है ।
चंद्रपुरा ताप विद्युत गृह :
दामोदर घाटी परियोजना द्वारा इस विद्युत गृह की स्थापना अक्टूबर 1965 में की गई थी ।यह बोकारो जिला में स्थित है ।इसकी उत्पादन क्षमता 789 मेगावाट है ।
पतरातु ताप विद्युत गृह :
यह देश के बड़े ताप गृहों में से एक है यह परियोजना चौथी पंचवर्षीय योजना अवधि में फरवरी ,1973 में पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से स्थापित किया गया है ।
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यह रामगढ़ जिला में स्थित है । इसकी कुल उत्पादन क्षमता 840 मेगावाट है । इस विद्युत गृह से रांची स्थित हटिया एच ई सी (H.E.C.) को विद्युत आपूर्ति की जाती है ।
@kr_ayush |
तेनुघाट ताप विद्युत गृह :
यह परियोजना 1990 के दशक में स्थापित की गई थी । यह बोकारो जिला के तेनुघाट के निकट ललपनिया नामक स्थान पर स्थित है । यहां 210 मेगावाट की दो इकाई मौजूद है । इसकी कुल उत्पादन क्षमता 420 मेगावॉट है ।यह तेनुघाट डैम के निकट पर स्थित है जो की इस ताप विद्युत गृह को जल की आपूर्ति करती है ।
B . जल विद्युत परियोजनाएं
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं का एक मुख्य उद्देश्य जल विद्युत का उत्पादन करना भी होता है । जिसके अंतर्गत जल द्वारा विद्युत उत्पादित करने के लिए जल विद्युत परियोजनाएं चलाई जाती हैं।
झारखंड राज्य में प्रमुख 7 जल विद्युत परियोजनाएं स्थित हैं ।
1. तिलैया जल विद्युत केंद्र
2. मैथन जल विद्युत केंद्र
3. बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र
4. पंचेत जल विद्युत केंद्र
5. अय्यर जल विद्युत केंद्र
6. कोनार जल विद्युत केंद्र
7. स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना
तिलैया जल विद्युत केंद्र :
दामोदर घाटी निगम के अंतर्गत फरवरी ,1953 ई. में प्रथम जल विद्युत केंद्र तिलैया में स्थापित किया गया। यह दामोदर की सहायक नदी बराकर पर स्थित है । तिलैया जल विद्युत केंद्र कोडरमा जिले में स्थित है ।इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 60,000 किलोवाट है ।
मैथन जल विद्युत केंद्र :
दामोदर घाटी निगम के अधीन अक्टूबर ,1957 ई. में मैथन में जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई। यह जल विद्युत केंद्र दामोदर नदी के सहायक नदी बराकर नदी पर स्थित है ।
यह धनबाद जिले में स्थित है । यह गैस टरबाइन पर आधारित विद्युत उत्पादन केंद्र है जो की पूरे झारखंड में एकमात्र है । मैथन जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 60,000 किलोवाट है ।
यह भी जानें : झारखंड के ये हैं सबसे प्रमुख जलाशय ( Dam )
बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र :
दामोदर घाटी निगम के अंतर्गत बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई । यह जल विद्युत केंद्र बराकर नदी पर स्थित है ।बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र गिरिडीह जिले में स्थित है। इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 20,000 किलोवाट है ।
पंचेत जल विद्युत केंद्र :
पंचेत जल विद्युत केंद्र की स्थापना दामोदर घाटी निगम के अधीन 1959 ई. में की गई । यह दामोदर नदी पर स्थित है । पंचेत जल विद्युत केंद्र धनबाद ( झारखंड ) और पुरुलिया ( पश्चिम बंगाल ) की सीमा पर स्थापित किया गया है।इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 40,000 किलोवाट है ।
अय्यर जल विद्युत केंद्र :
दामोदर घाटी निगम के अधीन अय्यर जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई । यह जल विद्युत केंद्र दामोदर नदी पर स्थित है ।अय्यर जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 45,000 किलोवाट है।
कोनार जल विद्युत केंद्र :
दामोदर घाटी निगम के अधीन 1955 ई. में कोनार जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई । यह हजारीबाग जिले में स्थित है । कोनार जल विद्युत केंद्र बोकारो नदी ( दामोदर की एक सहायक नदी ) पर स्थित है ।इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 40,000 किलोवाट है ।
स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना :
इस परियोजना की स्थापना 1989 ई. में की गई । यह परियोजना रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड में स्थित है । स्वर्णरेखा परियोजना के तहत स्वर्णरेखा नदी पर स्थित हुंडरू जलप्रपात से 120 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन किया जाता है ।
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