झारखण्ड के इन 3 जगहों पर नवरात्र में रावण और महिषासुर की होती है पूजा , जानें विस्तार से …
क्यों आप भी आश्चर्य हो गए ? यह जान कर की झारखंड में कुछ ऐसे भी जगह हैं जहां रावण और महिषासुर को देवता माना …
क्यों आप भी आश्चर्य हो गए ? यह जान कर की झारखंड में कुछ ऐसे भी जगह हैं जहां रावण और महिषासुर को देवता माना …
झारखण्ड के अलग संस्कृति और सभ्यता की तरह यहाँ का खान-पान भी बाकि राज्यों से अलग है जो अन्य राज्यों में काफी मुश्किल से ही दीखता है , और कहीं-कहीं तो पाया भी नहीं जाता है। झारखण्ड के लाजवाब जायकों के बारे में जान कर आप भी एक बार सभी व्यंजनों ( Delicious Foods ) को एक बार चखने की इच्छा जरूर उत्पन कर लेंगे ।
छऊ नृत्य मतलब ”Chhau Dance” , झारखण्ड के अनेक लोक नृत्यों में सबसे खास है। इस नृत्य की उत्पत्ति झारखण्ड से ही हुई और पुरे विश्व भर में प्रचलित भी हुई।
प्रकृति को पूजते हुए झारखण्ड में कई सारे त्योहार मनाये जाते हैं। उनमे से एक मुख्य त्योहार है जो की पुरे झारखण्ड में पुरे हर्सोल्लास और धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का लोग साल भर से इंतज़ार भी करते हैं। इस पर्व को लोग सरहुल (Sarhul) के नाम से जानते हैं।
करमा पर्व ( Karma Festival ) एक प्राकृतिक पर्व है जो कि झारखंड , उड़ीसा , छत्तीसगढ़ , बिहार , पश्चिम बंगाल तथा असम राज्य में मनाया जाता है । यहां के आदिवासी तथा मूलवासी लोग इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम तथा हरसोल्लास के साथ मनाते हैं ।
हमारा भारतवर्ष त्योहारों से घिरा हुआ है ।भारत ऐसा देश है जिसे त्योहारों की भूमि कहा जाता है । जितने त्योहार भारत में मनाए जाते …
लुगू बुरु घंटाबड़ी संथाल समुदाय की काफी पुराने समय से एक धरोहर है । इस धरोहर की सभ्यता को होड़ दिशोम (Hor Dishom) के सोस्नोक जुग (Sosnok Jug) के नाम से जाना जाता है ।
इसे लुगू बुरु घांटाबड़ी धोरोमगढ़ ( Lugu Buru Ghanta Badi Dhoromgarh ) के नाम से भी जाना जाता है। हर संथालियों के जीवन में एक बार इसकी यात्रा करना और दर्शन करना पुण्य माना जाता है ।यहां पर लुगू बाबा की पूजा की जाती है ।लुगू बाबा की पूजा अर्चना सभी वहां के पहान (Pahan) के द्वारा कि जाती है ।
हमारा भारत देश त्योहारों के देश के नाम से भी जाना जाता है ।हमारे झारखंड राज्य में भी कई ऐसे त्योहार है जो कि झारखंड को अलग ही पहचान देती है। झारखण्ड के मुख्य त्योहार (Festivals of Jharkhand ) हैं …