जमशेदपुर के सौरभ की शॉर्ट मूवी ऑस्कर के लिए चयनित |Tailing Pond : A Short Movie Nominated for Oscar – Jharkhand Blogs

अब सभी लोग शॉर्ट मूवी देखना ही पसंद करते हैं। शॉर्ट मूवी के द्वारा कम समय में ही मूवी के सारांश का पता लग जाता है । जिससे कम  में ही कुछ न कुछ संदेश दे जाती है। ऐसा ही एक शॉर्ट मूवी हमारे झारखंड के जमशेदपुर से सौरभ विष्णु द्वारा रचित Tailing Pond  रिलीज किया गया ।जिसे लोगों ने खूब सराहा और ढेर सारा प्यार दिया ।


Tailing Pond शॉर्ट मूवी में क्या है ?

सबसे पहले जानते हैं ये Tailing Pond kya hai ? Tailing Pond मानव निर्मित तालाब होते हैं जिसमें यूरेनियम अयस्क (Uranium Ore) के निकलने के बाद जो बचता है उसे इस मानव निर्मित तालाब में डाल दिया जाता  है । यूरेनियम अयस्क निकलने के बाद भी इसमें 80-85 प्रतिशत मात्रा में रेडियोसक्रियता (Radioactivity) बची ही होती हैं ।जो आसपास के रहने वाले लोगों के भीतर जाता है और उनके पूरे जीवन को विनाश की ओर ले  जाता है ।

जमशेदपुर में स्थित जादूगोड़ा नामक स्थान से यूरेनियम की खनन की जाती है ।Tailing Pond Short Movie में जादूगोड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवनशैली  दर्शाने की कोशिश की गई है ।इसमें  दर्शाया गया है कि किस  प्रकार यूरेनियम की रेडियोसक्रियता (Radioactivity)उनके जीवनशैली। को प्रभावित कर रहा है ।

Tailing Pond in Jamshedpur

Tailing Pond काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ होता है जिसमें उसके किनारों किसी    प्रकार की लाइनिंग नहीं दी गई है जिससे बारिश में Tailing Pond का सारा पानी रिस कर आसपास। के गांव के खेत,तालाब , कुवां और सभी जल स्रोतों में शामिल हो जाता है और पीने योग्य पानी को वह रेडियोसक्रिय कर देता है और इसे पीने अयोग्य और खतरनाक बना देता है। ठीक उसी प्रकार गर्मियों में तेज हवाओं साथ Tailing Pond का उपरी परत   गांव में फ़ैल जाता है जिसे वहां के लोग अनजाने में सांस के द्वारा अपने अंदर ले लेते है ।

Farmer in Crop Field

Radioactive Uranium के धातु जब किसी के शरीर के अंदर प्रवेश कर जाए तो इसके कई सारी हानियां मानव शरीर में होने लगती हैं । जिससे यूरेनियम की रेडियोसक्रियता उनके शरीर के अंदर फ़ैल जाती है और हानि के रूप में कई सारी अंदरुनी बीमारियों को जन्म दे देती है ।

जिससे मानव की अगली पीढ़ी भी प्रभाव हो जाती है। कोई पैर से तो कोई हाथ से या फिर शरीर के किसी ना किसी अंग को अपाहिज (Disable ) बना देता है।

Tailing Pond के Teaser को ही देखकर मालूम होता है कि इसके निर्माता दर्शकों को यह पूछना चाहते है क्या होगा अगर करोड़ों की संख्या में लोग विषैले , गंभीर बीमारी का कारण , जन्म दोष और पीढ़ियों के लिए दुख हो जाएं ? 

Tailing Pond Teaser Image

 

वह दिखाना चाहते है कि किस प्रकार यूरेनियम जैसे संवेदनशील धातु (Sensitive Material) को भारत सरकार कितने हल्के में ले रही है। इस लघु फिल्म में  भारत सरकार यूरेनियम जैसे धातु के दुष्प्रभाव जानते हुए भी इसे अनदेखा कर रही है ।हजारों की संख्या में इसके दुष्प्रभाव से मौत होने के बाद भी सरकार चुप है ।

यूरेनियम की खनन कोई प्राइवेट कंपनी से नहीं बल्कि सरकार खुद अपने UCIL (Uranium Council of India Limited) द्वारा करवाया जाता है ।और सरकारी होते हुए भी स्वास्थ्य और सुरक्षा की ओर इस प्रकार की अंदेखापन कोई उम्मीद नहीं करता है । इसी पर आधारित निर्माता सौरभ विष्णु ( Sam) यह शॉर्ट मूवी को बनाया है और दर्शकों को दिखाना  हैं ।

Tailing Pond की उपलब्धियां (Achievements of Tailing Pond )

  • 50+ अवार्ड शो में प्रमाणित।
  • न्यूयॉर्क में 25 फिल्म फेयर अवार्ड (Film Fair Award )।
  • Calcutta International Cult Film Festival (CICFF) 2019 में Documentary Film अवार्ड से सम्मानित ।
  • CICFF द्वारा 2020 में Documentary Films पर Golden Fox अवार्ड के लिए Nominee भी रखा गया है ।
  • फिल्म उद्योग के सबसे बड़े सम्मान समारोह “93वें एकेडमी अवार्ड ” में हिस्सा लेने के लिए केटे केंसेस की ओर से सैम (सौरभ विष्णु) को पत्र  भेजा गया है ।

Tailing Pond के निर्माता ( Director of Tailing Pond )

Saurabh Vishnu Image
Source : Instagram

सौरभ विष्णु Tailing Pond के डायरेक्टर हैं ।
पिता – अशोक तिवारी ( रिटायर्ड दरोगा ,जादूगोड़ा में पदस्थापित )
शिक्षा – इंटरमीडिएट ( राजेंद्र विद्यालय , साकची )
कंप्यूटर इंजीनियरिंग ( NIT Jamshedpur )
आगे की पढ़ाई न्यूयॉर्क से ।

कहां से आया Tailing Pond का आइडिया ?

सौरभ विष्णु का बचपन अपने पिता के साथ जमशेदपुर के जादूगोड़ा में ही बीता था ।उन्होंने वहां के लोगों के जीवनशैली को काफी करीब से देखा था। जब वह न्यूयॉर्क से अपनी पढ़ाई पूरी कर लौटे थे तब भी जादूगोड़ा के  ग्रामीण इलाके के लोगों की बदहाली को देखकर इस शॉर्ट मूवी को बनाने का ठाना था। जो कि आज इसे ऑस्कर के लिए चयनित किया गया है।

झारखंड के साथ साथ पूरे भारत के लिए यह गर्व की बात है कि हमारे देश के नौजवान सभी क्षेत्र में सफलता हासिल कर रहे हैं और यह भी एक उदाहरण से कम नहीं है।

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