झारखंड की नदियां | Rivers of Jharkhand – Jharkhand Blogs

झारखंड एक जंगलों से घिरा हुआ राज्य है ।जिसमें कई सारी प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं । झारखंड में कई सारी नदियां , झरनें , पहाड़ इत्यादि ऐसे कई सारे प्राकृतिक जीवन हैं जो झारखंड को और भी खूबसूरत बनाती हैं। जिससे प्रतीत होता है कि झारखंड राज्य पूरी तरह से प्रकृति की गोद में समाया हुआ है ।
आज हम जानेंगे झारखंड के नदियों के बारे मेंं जो  झारखंड को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इन नदियों की जानकारी आपके लिए काफी मजेदार होने वाली है । यदि आप Competive Exams की तैयारी कर रहे है तो यह आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।
         
झारखंड में कुल 16 नदी बेसिन हैं। 
 
1. दामोदर नदी 
 
दामोदर नदी पूरे झारखंड की सबसे लंबी नदी है । यह छोटानागपुर के उत्तरी भाग टोरी क्षेत्र से निकलती है जो की जिला लातेहार में स्थित है । 
 
दामोदर नदी बंगाल का शोक कहलाती है । दामोदर नदी का एक और नाम भी है जिसे देवनद के नाम से भी जाना जाता है । प्राचीन ग्रंथों में दामोदर नदी को ही देवनद के नाम से उल्लेख किया गया है । 
 
 
दामोदर नदी पूरे भारत देश की पहली नदी घाटी परियोजना है । इसकी शुरुआत 1948 ई में हुई थी ।
 
 इस नदी घाटी परियोजना का उद्घाटन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था । अमेरिका के टेंसी एक्ट के माध्यम से ही दामोदर घाटी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया था । 
 
टेंसी एक्ट के माध्यम से ही इस नदी घाटी परियोजना का निर्माण किया गया था ।इस नदी में कुल 8 बांध हैं । यह नदी कुल 290 किमी लंबी है । 
 
दामोदर नदी में के 8 बांध हैं –  मैैथन , कोनार , बोकारो , बाल पहाड़ी , पञ्चेत, बेरमो , अइयर ,और दुर्गापुर । दुर्गापुर का बांध अवरोधक बांध है ।
 
 बराकर , कोनार और भेड़ा नदी दामोदर की सहायक नदियां हैं साथ साथ बोकारो ,जमुनिया और कतरी भी दामोदर की सहायक नदी हैं ।
 
झारखंड की सबसे अधिक  प्रदूषित नदियों में दामोदर अव्वल स्थान पर है ।यह नदी झारखंड की सबसे प्रदूषित नदी है ।
 
दामोदर घाटी परियोजना को झारखंड और पश्चिम बंगाल मिलकर चलते हैं । यह दोनों राज्य एकजुट होकर दामोदर घाटी परियोजना का संचालन करते हैं।
 
2. स्वर्णरेखा नदी 
 
स्वर्णरेखा नदी का उद्गम स्थल रांची जिला में स्थित  टिकरा टोली / टिकरोली में है। कांची ,खरकई , संजय नदी स्वर्णरेखा की सहायक नदियां हैं । 
 
स्वर्णरेखा नदी पर एक बहुत बड़ा जलप्रपात भी स्थित है ।हुंडरू जलप्रपात जो पूरे झारखंड की दुसरी सबसे बड़ी जलप्रपात है ।
हुंडरू जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी से ही निकलती है। साथ ही साथ जमशेदपुर शहर स्वर्णरेखा नदी की किनारे ही बसा हुआ है ।
 
पहला सबसे बड़ा जलप्रपात बुधाघाघ जलप्रपात है और दूसरा है हुंडरू जलप्रपात
 
 स्वर्णरेखा नदी परियोजना तीन राज्यो से मिलकर चलता है । झारखंड , उड़ीसा और बंगाल की यह संयुक्त परियोजना है । 
 
जमशेदपुर शहर स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसा हुआ है । जमशेदपुर में ही टाटा स्टील फैक्ट्री है जो झारखंड के साथ साथ भारत में भी काफी प्रसिद्ध है ।
 
3. मयूराक्षी नदी 
 
मयूराक्षी नदी त्रिकूट पहाड़ी से निकलती है जो झारखंड के देवघर जिला में स्थित है।  मयूराक्षी नदी के माध्यम से झारखंड में 2 डैम मौजूद हैं । 
 
मयूराक्षी नदी पर मसानजोर डैम और कनाडा डैम को बनाया गया है । 
 
       मयूराक्षी नदी परियोजना दो राज्यों की संयुक्त परियोजना है । मयूराक्षी नदी झारखंड और पश्चिम बंगाल की संयुक्त परियोजना है ।
               मयूराक्षी नदी का मुहाना गंगा नदी है ।
 
4. बराकर और अजय नदी
 
बराकर नदी उत्तरी छोटानागपुर पठार के उत्तरी हजारीबाग से निकलती है । इस नदी  पर मैथन बांध भी बना हुआ है।
 
जो कि झारखंड के ही धनबाद जिले में स्थित है । बराकर नदी का अपवाह क्षेत्र हजारीबाग ,गिरिडीह और धनबाद है।
 
अजय नदी का उद्गम स्थल बिहार स्थित मुंगेर जिला में है। अजय नदी मुंगेर से निकलती है । इसकी सहायक नदी पत्थरो और जयंती नदी है ।
 
5 . उत्तरी कोयल नदी
 
उत्तरी कोयल नदी का उद्गम स्थल रांची पठार है ।रांची पठार से उत्तरी कोयल निकलती है । उत्तरी कोयल का मुहाना सोन नदी है। सोन नदी का उद्गम स्थल मैकल पर्वत है ।
 
औरंगा और अमानत इसके सहायक नदी है । उत्तरी कोयल नदी से बुढ़ाघाघ जलप्रपात का जन्म होता है । बूढ़ा घाघ जलप्रपात उत्तरी कोयल नदी से निकलती है । जो कि झारखंड की सबसे बड़ी जलप्रपात है।  
 
6. दक्षिणी कोयल नदी 
 
दक्षिणी कोयल नदी छोटानागपुर के पठार से निकलती है । दक्षिणी कोयल का मुहाना संख नदी है ।दक्षिणी कोयल की सहायक  कारो नदी है। 
 
7.फल्गु नदी 
 
छोटानागपुर के उत्तरी भाग से फल्गु नदी का भी उद्गम होता है।  और अंत में यह पुनपुन नदी में जाकर मिल जाती है। फल्गु नदी को लिलांजन और निरंजना के नाम से भी जाना जाता है। 
 
8. शंख नदी
 
शंख नदी का उद्गम स्थल नेतरहाट पठार है।  नेतरहाट पठार झारखंड का सबसे ऊंचा पठार है ।
 
नेतरहाट में बारिश भी सबसे ज्यादा होती है।  जिसके कारण यहां का मौसम और तापमान दोनों ठंडा होता है । 
 
9. गंगा नदी 
 
गंगा नदी झारखंड के एकमात्र जिले साहेबगंज से होकर गुजरती  है । झारखंड में गंगा नदी केवल साहेबगंज में ही मिलती है ।
 
10. ब्राह्मणी नदी और गुमानी नदी 
 
ब्राह्मणी नदी का उद्गम स्थल दुधवा पहाड़ी है । यह दुमका में स्थित है। दुमका के दुधवा पहाड़ी से ब्राह्मणी नदी का जन्म होता है । 
           गुमानी नदी का उद्गम स्थल राजमहल पहाड़ी से निकलती है । 
 
11 . सकरी एवं चानन नदी 
 
 सकरी और चानन नदियां छोटानागपुर के पठार से निकलती है। चानन नदी को पंचानन , पंचाने , चाने नामों से जाना जाता है । 
 
प्रवाह के दिशा के अनुसार झारखंड की नदियों को दो भागों में बांटा जाता है । उत्तरवर्ती नदियां  एवं पूर्ववर्ती या दक्षिणवर्ती नदियां ।
 
A. उत्तरवर्ती नदियां 
 
उन नदियों को उत्तरवर्ती नदियां कहा जाता है जो पठारी भाग से निकलकर उत्तर की ओर बहती हुई गंगा या उसकी सहायक नदी में मिल जाती है । जैसे – सोन , उत्तरी कोयल , पुनपुन , फल्गु , सकरी , चानन , आदि
 
 
नदी उद्गम सहायक नदियां मुहाना अपवाह क्षेत्र
सोन नदी मैकल पर्वत का अमरकंटक की पहाड़ी उत्तरी कोयल गंगा नदी पलामू व गढ़वा
उत्तरी कोयल नदी रांची पठार का मध्य भाग औरंगा व अमानत सोन नदी गढ़वा ,पलामू ,लातेहार आदि
पुनपुन नदी उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर से दारधा व मोरहर गंगा नदी उपनाम : ( किकट , बमागधी )
फल्गु नदी छोटानागपुर पठार का उत्तरी भाग निरंजना ( लिलाजन ) , मोहना ताल क्षेत्र के निकट गंगा नदी में उपनाम : अंतः सलिला
सकरी नदी उत्तरी छोटानागपुर का पठार किउल व मोरहर गंगा का ताल क्षेत्र उपनाम : सुमागधि ( रामायण )
चानन / पचाने नदी छोटानागपुर का पठार सकरी नदी


B. पूरब वर्ती या दक्षिणवर्ती नदियां 

 
उन नदियों को पूर्ववर्ती या दक्षिणवर्ती नदी कहा जाता है जो पठार के दक्षिण भाग से निकलकर पूरब या दक्षिण की ओर बहती है । जैसे – दामोदर , स्वर्णरेखा , बराकर , दक्षिणी कोयल , शंख , अजय , मोर या मयूराक्षी , ब्राह्मणी , गुमानी , बंसलोई आदि ।

नदी उद्गम सहायक नदियां मुहाना अपवाह क्षेत्र
दामोदर नदी छोटानागपुर का पठार ( लातेहार जिला का टोरी क्षेत्र ) बराकर ,बोकारो , कोनार , जमुनियां , कतरी आदि हुगली नदी ( कोलकाता के निकट , पश्चिम बंगाल ) हजारीबाग , गिरिडीह ,धनबाद ,बोकारो ,लातेहार ,रांची ,लोहरदगा
स्वर्णरेखा नदी छोटानागपुर का पठार ( रांची का नगड़ी गांव ) कोकरो , कांची , खरकई बंगाल की खाड़ी रांची व सिंहभूम जिला
बराकर नदी उत्तरी छोटानागपुर का पठार दामोदर नदी हजारीबाग , गिरिडीह ,धनबाद
दक्षिणी कोयल नदी छोटानागपुर का पठार ( रांची का नगड़ी गांव ) कारो शंख नदी ( उड़ीसा ) लोहरदगा ,गुमला , पश्चिमी सिंहभूम व रांची
शंख नदी चैनपुर प्रखंड ( गुमला जिला ) दक्षिणी कोयल नदी गुमला
अजय नदी मुंगेर ( बिहार ) पथरो , जयंती भागीरथी नदी ( कटबा के निकट , प. बंगाल ) देवघर व दुमका
मोर या मयूराक्षी नदी तिउर / त्रिकुट पहाड़ी ( देवघर ) घोवाई,टिपरा , पुसरो,भामरी, मुनबिल, सिध , दऊना आदि गंगा ( प. बंगाल ) दुमका ,साहेबगंज ,देवघर ,गोड्डा
ब्राह्मणी नदी दुधवा पहाड़ी ( दुमका जिला के उत्तर में स्थित ) गुमरो व ऐरो गंगा नदी ( प. बंगाल )
गुमानी नदी राजमहल की पहाड़ी मेरेल गंगा नदी ( प. बंगाल ) अपवाह क्षेत्र 1313 वर्ग किमी
बांसलोई नदी बांस पहाड़ ( गोड्डा जिला ) गंगा नदी ( प. बंगाल )
 

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