झारखण्ड के उद्योग कारखाने | Industries Of Jharkhand -Jharkhandblogs

Industries Of Jharkhand : राज्य झारखण्ड खनिजों से भरा हुआ है । झारखण्ड राज्य न सिर्फ भारत  बल्कि विश्व में भी खनिज संसाधनों में अपना स्थान रखता है. भरपूर खनिजों के होने से ही झारखण्ड को भारत का रूर प्रदेश भी कहा जाता है। जब खनिज इतने सारे है तब उद्योग होना तो एक आम बात है । 

तो आज हम जानेंगे झारखण्ड में कितने प्रकार के उद्योग मौजूद हैं । जिससे झारखण्ड का नाम पूरे भारत समेत विश्व में भी विख्यात है ।

लौह इस्पात उद्योग (Iron Steel Industry) :

भारत का सबसे पहला लौह इस्पात कारखाना ‘ जमशेदपुर ‘ में स्थापित किया गया । पूरे भारत में लौह इस्पात उद्योग की 9 बड़ी इकाइयां हैं , जिनमे से 2 झारखण्ड में ही स्थित है ।

1. टिस्को (Tisco) : 

पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वर्णरेखा एवं खरकाई नदी के संगम स्थित भारत का प्रथम और एकमात्र निजी क्षेत्र का लौह इस्पात कारखाना है । टिस्को की स्थापना साकची (जमशेदपुर) नामक स्थान पर 1907 ई में की गई थी ।

भारत का सबसे बड़ा लोहा इस्पात कारखाना टिस्को ही है । टिस्को में पहली बार लोहे का उत्पादन 1911 में शुरू हुआ । 

इसे लौह अयस्क नोवामुंडी ,किरीबुरू , बादाम पहाड़ एवं गुवा से कोयला झरिया ,वेस्ट बोकारो से तथा चुना पत्थर उड़ीसा से प्राप्त होता है ।

वर्तमान में टिस्को का नाम बदलकर टाटा स्टील रखा गया है ।

2. बोकारो स्टील संयंत्र ( Bokaro Steel Plant) :

यह स्टील प्लांट पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से तृतीय पंचवर्षीय योजना काल में स्थापित किया गया था , जहां उत्पादन 1972 ई में प्रारम्भ हुआ । बोकारो स्टील प्लांट की गणना( गिनती) पूरे एशिया के बड़े इस्पात कारखानों में की जाती है ।

 बोकारो स्टील कारखाना ‘ भारतीय इस्पात प्राधिकरण ‘Steel Authority of India Limited (SAIL) के अन्तर्गत कार्यरत है । इसे स्थानीय क्षेत्र से कोयला ,उड़ीसा और मध्य प्रदेश से कच्चा लोहा तथा मध्य प्रदेश से चुना पत्थर प्राप्त होता है ।

तांबा उद्योग ( Copper Industry ) 

झारखण्ड में तांबे का कारखाना घाटशिला में स्थापित है ,जो भारतीय तांबा निगम के नियंत्रणाधीन है ।यहां के तांबा का प्रयोग अधिकतर पीतल बनायेंगे काम में किया जाता है ।तांबे की मांग विद्युत उद्योगों में भी है। 

भारत का पहला तांबा उत्पादक खान झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम  जिले के मुसाबनी में अवस्थित है । यहां पर 1924 ई से तांबे का उत्पादन हो रहा है ।

एल्युमिनियम उद्योग ( Aluminium Industry) 

झारखण्ड के मुरी में एल्युमिनियम के प्रसिद्ध कारखाना स्थित है । इसकी स्थापना इंडियन एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड (इंडाल) द्वारा 1938 ई में की गई थी । यह भारत का दूसरा सबसे पुराना कारखाना है। 

एल्युमिनियम को 20वी सदी की धातु कहा जाता है ,क्योंकि इसका उपयोग बिजली के तार , रेल , वायुयान , मोटरगाड़ियों की बॉडी ,घरेलू बर्तन , पैकिंग का सामान, दवाई आदि बनाने में किया जाता है ।

इस कारखाने को बॉक्साइट लोहरदगा से , कोयला दामोदर घाटी क्षेत्र से और बिजली दामोदर घाटी निगम से प्राप्त होता है ।भारत में तैयार होने वाले कुल एल्युमिना का 16 प्रतिशत से अधिक झारखण्ड प्रदान करता है। 

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सीमेंट उद्योग ( Cement Industry)  

सीमेंट उद्योग वजन हास वाला उद्योग है।  चुना पत्थर और कोयला इसके दो प्रमुख कच्चे माल हैं।झारखण्ड में सीमेंट उद्योग में उपयोग होने वाले कच्चे माल एवं साधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जिससे यहां इस उद्योग की अच्छी संभावना रहती है ।

झारखण्ड में प्रथम सीमेंट उद्योग की स्थापना 1921 ई में जपला में की गई थी ।झारखण्ड में सीमेंट उद्योग की स्थापना झींकपानी (प. सिंहभूम ) , सिंदरी( धनबाद ) , जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम), खलारी ( रांची), डेमोटांड ( हजारीबाग), बोकारो आदि शहरों में किया गया है ।

जमशेदपुर में अवस्थित लाफार्ज सीमेंट ( Lafarge Cement) कारखाना लौह इस्पात से प्राप्त होने वाले अवशिष्ट पूर्णतः आधारित है । खलारी सीमेंट संयंत्र की स्थापना ए.सी.सी. (ACC) द्वारा की गई है ।

इंजीनियरिंग उद्योग ( Engineering Industry ) 

विभिन्न कल कारखानों में छोटी बड़ी मशीनों एवं कलपुर्जों की आवश्यकता पूरा करने के लिए रांची के हटिया नामक स्थान पर 1958 में हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन ( एच.ए.सी. ) की स्थापना की गई ।

H.E.C. की स्थापना रूस एवं चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से की गई थी । यहां उत्पादन 1963 ई में प्रारम्भ हुआ ।

एच ई सी (HEC)की तीन यूनिट हैं :

1. फाउंड्री फोर्ज प्लांट : इस प्लांट को चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से स्थापित किया गया ।

2. हैवी मशीन वेल्डिंग प्लांट : इस प्लांतबको रूस के सहयोग से स्थापित किया गया ।

3. हैवी मशीन टूल्स प्लांट : चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से स्थापित किया गया । 

रांची तथा उसके आसपास इंजीनियरिंग उद्योग की अनेक इकाइयां कार्यरत हैं , श्री राम बाल बियरिंग (रातु) , भारत वेस्टफालिया लिमिटेड ( नामकुम ) , ब्लैक वायर शॉप फैक्ट्री ( टाटीसिलवे) प्रमुख हैं ।

जमशेदपुर के आसपास भी इंजीनियरिंग उद्योग की अनेक इकाइयां है। जिनमें टाटा इंजीनियरिंग लोकोमोटिव कम्पनी( टेल्को) , टिनप्लेट कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( टीसीआईएल ) , इंडियन स्टील वायर फैक्ट्री , इंडियन केबल कम्पनी आदि प्रमुख हैं।

अब टेल्को का नाम बदलकर टाटा मोटर्स (TATA Motors ) कर दिया गया है।

रसायन एवं उर्वरक उद्योग ( Chemicals एण्ड Fertilizers Industry )

झारखण्ड में रसायन एवं उर्वरक का कारखाना धनबाद जिले के सिंदरी नामक स्थान पर 1951 में स्थापित किया गया ।इस उद्योग की स्थापना फर्टाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( Fertilizer Corporation of India )(FCI) द्वारा की गया थी ।

इस कारखाने में अमोनिया सल्फेट ( Ammonia Sulfate ) , नाइट्रेट ( Nitrate) और यूरिया (Urea) का उत्पादन होता था ।

इस कारखाने में विद्युत आपूर्ति डीवीसी तथा जल की आपूर्ति दामोदर नदी से होती थी। यह कारखाना पांच भागों में बटा हुआ था । पॉवर प्लांट , अमोनिया प्लांट , सल्फेट प्लांट , गैस प्लांट और मोम ओवन प्लांट । सिंदरी के कारखाने को कच्चे माल की आपूर्ति बोकारो स्टील प्लांट से भी होती थी ।

विस्फोटक उद्योग ( Explosives Industry ) 

झारखण्ड में विस्फोटक उद्योग की स्थापना विदेशी कम्पनी आई.सी.आई. (I.C.I.) द्वारा बोकारो जिला के गोमिया नामक स्थान पर किया गया । 

इसे इंडियन एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (IEL) के नाम से भी जाना  जाता है ।यह पूरे भारत का सबसे बड़ा विस्फोटक कारखाना भी है। 

कोयला धोवन उद्योग ( Coal Washery Industry )

धोवन कोयले का प्रयोग विभिन्न प्रकार के उद्योगों में होता  है। विभिन्न प्रकार के उद्योगों में शुद्ध कोयले के बढ़ते हुए महत्व ने इस उद्योग को विकसित करने में भरपूर मदद पहुंचाई है ।

झारखण्ड राज्य में कोयला धोवन उद्योग के प्रमुख केन्द्र जामाडोबा , स्वांग , करगली , लोदना , भोजूडीह , पाथरडीह , कथारा , एवं दुग्धा में स्थापित है । करगली कोयल वाशरी न सिर्फ झारखण्ड , बल्कि पूरे भारत में प्रमुख स्थान रखती है ।

कांच उद्योग ( Glass Industry ) 

झारखण्ड में कांच उद्योग का विकास मुख्य रूप से रामगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में हुआ है । जापान के सहयोग से भुरकुंडा नामक स्थान पर अत्याधुनिक कांच कारखाना स्थापित किया गया है। 

जिसे इंडोनेशियाई ग्लास फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यह उद्योग बंद पड़ा हुआ है ।

लाह उद्योग ( Lacquer Industry )

लाह उत्पादन की दृष्टि से झारखण्ड न केवल भारत पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । भारत के कुल लाह उत्पादन का 60 प्रतिशत से अधिक झारखण्ड द्वारा उत्पादित किया जाता है। लाह उत्पादन के दृष्टिकोण से पलामू प्रमंडल के स्थान प्रथम है ।

 जिलों में दूसरा रांची और तीसरा स्थान पश्चिमी सिंहभूम को प्राप्त है। गुमला, पुर्वी सिंहभूम , बोकारो , धनबाद , तथा पाकुड़ में भी लाह की खेती की जाती है। 

झारखण्ड में लाह उत्पादन के बड़े केन्द्र बुंडू , खूंटी , तपकारा , मुरहुं , लातेहार , मेदिनी नगर , गढ़वा तथा चक्रधरपुर में क्रियाशील हैं जबकि लाह उत्पादन के छोटे छोटे केन्द्र बालूमाथ , पांकी , मनिका , लेस्लीगंज , टांका , जोन्हा , सिल्ली , झींकपानी , जोड़ापोखर , हाटगमहरिया ,गालूडीह  , पाकुड़ , चास , तथा , गोला में  स्थित  हैं ।  

रेशम उद्योग ( Silk Industry )

भारत द्वारा उत्पादित कुल तसर रेशम का 60 प्रतिशत से अधिक झारखण्ड से प्राप्त होता है ।राज्य के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत सिंहभूम , 26 प्रतिशत संथाल परगना तथा 13 प्रतिशत हजारीबाग में उत्पादित होता है । 

झारखण्ड में तसर रेशम का मुख्य उत्पादक क्षेत्र चाईबासा , राजखरसांवा , टाटानगर , हाटगमहरिया , मेदिनीनगर , हजारीबाग , गोविंदपुर , गिरिडीह , लोहरदगा तथा दुमका है। 

तंबाकू उद्योग ( Tobacco Industry ) 

झारखण्ड में तंबाकू उद्योग का विकास ज्यादातर बीड़ी उद्योग के रूप में हुआ है ।बीड़ी का निर्माण तेंदू के पत्ते एवं तंबाकू से होता है । बीड़ी उद्योग का विकास मुख्य रूप से चाईबासा , सरायकेला , जमशेदपुर , चक्रधरपुर तथा संथाल परगना में हुआ है ।


Frequently Asked Questions :

1. झारखंड के बड़े कारखाने कौन कौन से हैं ?

 झारखण्ड के बड़े उद्योग (कारखाने) हैं :-

  • सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant ) – Bokaro
  •  आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)(TISCO) – Jamshedpur

अन्य प्रमुख उद्योग हैं : 

  • टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को)(TELCO) – जमशेदपुर
  • टिमकेन इंडिया लिमिटेड –  जमशेदपुर
  • भारत कुकिंग लिमिटेड – धनबाद
  • इंडियन ऐल्यूमिनियम ( हिंडाल्को एल्यूमिनियम फैक्ट्री ) – मुरी
  • ए सी सी सीमेंट – चाईबासा
  • सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (Central Coalfields Limited )(CCL) – रांची
  • उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड – जादूगोड़ा
  • हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड – मुसाबनी, घाटशिला
  • इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड – गोमिया ,बोकारो
  • हिंडालको बॉक्साइट – लोहरदगा

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