“हर घर तिरंगा” फहराने से पहले इन 7 बातों का रखें ख़ास ध्यान , कहीं ना हो इसका अपमान

हर घर तिरंगा लहराना हर भारतवासी को खुद में गौरवान्वित महसूस कराता है। परन्तु हर घर तिरंगा फहराने से पहले हमें कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए और रखना होगा , जिससे हमारे भारतीय ध्वज तिरंगा का किसी प्रकार का अपमान न हो।

2022 का वर्ष हम सभी भारतवसियों के लिए खास है। वह इसलिए क्योकि इस वर्ष में भारत को आजादी मिले 75 साल पुरे हो रहे हैं। और इस आजादी के 75 वें वर्षगांठ को बाकि वर्षगांठों से हट कर मनाया जा रहा है। इस वर्ष भारत के आजादी को 75 साल पुरे हो रहे हैं इसलिए भारत सरकार द्वारा इस साल ” 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव ” के तौर पर मानाने का निर्णय लिया गया है।

यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को संभव बनाने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को प्रगति की ओर ले जाने वाली सभी चीजों का एक मूर्त रूप है। आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत 12 मार्च 2021 को हो गई जिसकी 75 सप्ताह की उल्टी गिनती हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए शुरू हो गई है तथा यह एक वर्ष के बाद 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।

हर घर तिरंगा अभियान

तिरंगा ध्वज हर भारतीय के लिए गौरव का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय अखंडता का प्रतिनिधित्व करता है और भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हर भारतवासी से यह अपील किया है की इस 75वें आजादी वर्षगांठ में हर घर में तिरंगा फहराया जाए।

प्रधानमंत्री जी ने 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तिरंगा अपने घरों में फहराने की अपील की है। तथा यह हमारे भारतीय एकता को दर्शाता है।

तिरंगा फहराने का सही तरीका

तिरंगा फहराने से पहले उसे किस तरीके से फहराया जाये की तिरंगे को किसी प्रकार का अपमान न हो , यह जानना हमारे लिए बेहद जरुरी है। तिरंगा को किसी छड़ी , रॉड , पेड़ की डाली , या फिर घर पर मौजूद चीज़ों का इस्तेमाल कर के फहराया जा सकता है।

तिरंगा कहाँ कहाँ फहराया जा सकता है ?

तिरंगा को ऐसे जगह पर फहराना बेहतर मन जाता है जहाँ से दूर दूर तक लोग इसका अवलोकन कर सकते हैं।भारतीय ध्वज तिरंगा को अपने घर के बालकनी , दरवाजे या खिड़की पर फहरा सकते हैं। तिरंगा ध्वज में सबसे ऊपर हो केसरिया (भगवा) फिर हो सफ़ेद , फिर हो हरा रंग। इस सही क्रम में ही तिरंगा लहराया जा सकता है।

झंडा फहराने का सही क्रम

झंडा फहराने से पूर्व इस बात का ध्यान अवस्य रखें की जब भी फहराएं तिरंगा तो हमेशा आकाश के ऊंचाई को छुए , भूमि पर स्पर्श न करे। क्योकि तिरंगा राष्ट्र ध्वज है हमारा इसकी छवि का जरा भी अपमान न हो। ध्वज में सबसे ऊपर भगवा फिर सफ़ेद फिर हो रंग हरा , यह है तिरंगा का सही क्रम।

तिरंगा का अपमान होने से कैसे बचाएँ ?

हर घर तिरंगा फहराना तो कठिन नहीं पर इसका अपमन होने से बचाना थोड़ा कठिन है ,पर इतना भी कठिन नहीं की कोई भी भारतीय इसे करने से पीछे हट जाये।

कुछ मुख्य बिंदु हैं जिनसे तिरंगे को अपमान से बचाया जा सकता है। इन बिंदुओं पर खास ध्यान देन हमारे लिए उतना ही जरुरी है जितना इसे फहरा कर एकता का सन्देश देना है।

  1. जब भी झंडा फहराया जाये तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए और उसे ऐसी जगह लगाना चाहिए जहाँ यह साफ़ साफ़ दिखाई दे सके।
  2. क्षतिग्रस्त , मैला-कुचला या अस्त- व्यस्त झंडा प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। झंडे को इस तरह से फहराया जाये जिससे की वह क्षतिग्रस्त न हो।
  3. झंडे को सदा तेज़ी के साथ ऊपर चढ़ाया जाये और धिरे धीरे एवं आदर के साथ निचे उतारा जाये। यदि झंडे क ऊपर चढ़ाते समय और नीचे उतारते समय बिगुल भी बजाय जाये तो इस बात का ध्यान रखा जाये की झंडे को बिगुल की आवाज साथ ही ऊपर चढ़ाया या नीचे उतारा जाये।
  4. यदि झंडा ईमारत केअगले हिस्से या बालकनी या खिड़की पर आड़े या तिरछे फहराया जाये तो झंडे का केसरी रंग वाला हिस्सा डंडे के उस सिरे की ओर होगए जो खिड़की के छज्जे , बालकनी या अगले हिस्से से सबसे दूर हो।
  5. जब झंडा किसी दीवार के सहारे पट्ट और टेढ़ा फहराया जाये केसरी भाग सबसे ऊपर रहेगा और जब वह लम्बाई में खड़ा करके फहराया जाये तो केसरी भाग झंडे के हिसाब से दाईं ओर होगा अर्थात यह झंडे को सामने देखने वाले व्यक्ति के बायीं तरफ होगा।
  6. किसी जुलुस या परेड में ले जाते समय झंडा चलते हुए जुलुस या परेड की दायी ओर अर्थात स्वयं झंडे की दाहिनी ओर रहेगा या यदि दूसरे झंडों से बनी हुई एक पंक्ति हो तो राष्ट्रीय झंडा उस पंक्ति के बीच की जगह से आगे की ओर होगा।
  7. जब झंडा क्षतिग्रस्त या ख़राब हो जाये तो उसे पूरी तरह से एकांत में और अधिमान्यतः जलाकर या ऐसा कोई तरीका अपनाकर पूर्णतया नष्ट कर दिया जाये जिससे उसकी गरिमा बनी रहे।

यह भी जानें

राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगे” की अपमान की सजा

प्रेवेन्शन ऑफ़ इंसल्ट्स तो नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत राष्ट्रीय झंडे और संविधान का अपमान करना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने वाले को 3 साल जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।


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