Places to Visit in Jharkhand During Winter : क्या आप भी ठंढ के मौसम में घूमने का शौक रखते हैं ? क्या आप को झारखण्ड में ही ऐसे जगहों के बारे में पता है जहां ठंढ में भी खूबसूरत एहसास के पल बिताये जा सकते हैं ?
नहीं , तो चलिए जानते है झारखण्ड के कुछ ऐसे जगह जहाँ ठंढ के मौसम में भी घूमने का एक अलग ही आनंद देता है। हमारे लिस्ट में कई सारे ऐसे जगह के नाम भी हैं जो ठंढ के दिन में रोचक (Adventurous ) ट्रिप करने को आपको मजबूर कर सकते हैं।
Places Where You can Visit in Jharkhand During Winter
पहले ये जानते हैं की आखिर झारखंड ही क्यों ? हालांकि भारत में कई ऐसे जगह भी मौजूद हैं जहां लॉग ठंड में घूमना पसंद करते हैं जैसे की मनाली , शिमला , दार्जिलिंग इत्यादि । इन जगहों का वातावरण ही कुछ ऐसा होता है की लोग खींचे चले आते हैं ।
ठीक उसी प्रकार झारखंड भी है , बिलकुल प्राकृतिक । किसी भी तरह के प्राकृतिक छेड़ छाड़ से मुक्त । यहां के एक एक नजरें बिलकुल ऐसा एहसास दिलाती है मानो हम प्रकृति के गोद में बैठे हुए हैं ।
तो ऐसे कौन कौन से जगह है चलिए जानते हैं :
List of Places to Visit in Jharkhand During Winter
स्थान | जिला |
---|---|
नेतरहाट | लातेहार |
दलमा पहाड़ | पूर्वी सिंहभूम |
किरी बुरु | पश्चिमी सिंहभूम |
लुगु बुरु | बोकारो |
सूरजकुंड | हजारीबाग |
पारसनाथ पहाड़ | गिरिडीह |
त्रिकूट पहाड़ | देवघर |
नकता पहाड़ | रांची |
मैक्लुस्कीगंज | रांची |
तो ये है हमारी कुछ चुनी गई जगहें जहां पर्यटक या प्रकृति प्रेमी एक अलग ही आनंद और लुफ्त उठा सकते हैं ।
नेतरहाट
झारखंड में नेतरहाट उन जगहों में से एक है जहां हर मौसम घूमने का आनंद लिया जा सकता है । चाहे वो फिर क्यों न गर्मी के लू का समय हो , मानसून के भारी बारिश का मौसम हो या हो कड़ाके की ठंड का मौसम ।
नेतरहाट लातेहार जिला में स्थित है। नेतरहाट में हर मौसम वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करने वाला ही होता है ।यहां जाने के कई कारण ऐसे है जो इस जगह को खास बनाती है ।
ठंड के दिनों में नेतरहाट की सबसे खास यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त लोगों को खूब लुभाती है। यहां का वातावरण भारत के अन्य ठंडे इलाकों से काफी मिलती जुलती है । ऊंचे ऊंचे व घने चीड़ के पेड़ सभी के नजरों को अपनी ओर खिंचे रखती है ।
दलमा पहाड़ी
पूर्वी सिंहभूम में स्थित दलमा पहाड़ी ठंढ के दिनो में घूमने के लिए बहुत ही सुकूनदायक जगह है। खासकर सुबह-सुबह यहां घूमने में अलग ही आनंद मिलता है।
दलमा पहाड़ के ऊपर चढ़ने के बाद वह का दृश्य काफी मनमोहक होता है। हालाँकि चढ़ने में काफी मेहनत करना पद सकता है पर वहां पहुंचने के बाद वहां का दृश्य सारी थकान को छु मंतर कर देता है।
पहाड़ के ऊपर में ही भगवान शिव का एक छोटा सा मंदिर भी है। लोग वहां पहुंचकर भगवन शिव की ओउजा अर्चना भी करते हैं।
किरी बुरु
पश्चिमी सिंहभूम में स्थित यह किरी बुरु लोगों को खासकर ठंढ के दिनों में खूब आकर्षित करता है। यहाँ के व्यू पॉइंट में पहुँचने के बाद जो दृश्य दीखता है वह दृश्य शायद ही कही मिल सकता है।
किरी बुरु के view point से लगभग पूरा सारंडा वन से घिरे पहाड़ व घने जंगलों का दृश्य मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। सुबह और शाम का वक़्त यहाँ सबसे खास होता है।
सुबह का सूर्योदय और शाम के सूर्यास्त को देखने के लिए भारी संख्या में लोग दूर दूर से इस नज़ारे का आनंद लेने पहुँचते हैं।
लुगू बुरु
लुगु बुरु बोकारो जिला में स्थित एक पहाड़ी श्रृंखला है जहाँ अब भी प्रकृति को करीब से निहारा जा सकता है। यहां पर ढेर सारी आधुनिक सुविधा अब भी मौजूद नहीं हैं। इसलिए यह जगह प्रकृति के और करीब ले जाता है।
यहाँ अब भी कोई सड़क नहीं बनी है, लोग पगडंडियों के सहारे ही यहाँ के पहाड़ी को चढ़ते हैं और पहाड़ी के ऊपर बने लुगु बाबा के मंदिर में दर्शन करते हैं।
यह पहाड़ी झारखण्ड राज्य के दूसरी सबसे लम्बी पहाड़ी श्रृंखला श्रेणी में भी आता है और यह लुगुबुरु संथाल समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल भी है जिसे लोग लुगु बुरु घंटा बाड़ी के नाम से भी जानते हैं।
इसलिए इस जगह पर प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन बहुत ही विशाल संथाल महा धर्मसम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है।
सूरजकुंड
सूरजकुंड हज़ारीबाग़ जिला के अंतर्गत बरकट्ठा ब्लॉक में स्थित है। माना जाता है की यह जगह अपने आप में ही खास है वह इसलिए क्योंकि सूरजकुंड में भारत का सबसे गर्म जलकुंड स्थित है।
सूरजकुंड से निकलने वाले गर्म जल का तापमान लगभग 80 डिग्री के करीब होता है। लोग यहाँ अक्सर ठंढ में ही पहुंचकर गर्म जल के आनंद के साथ स्थान करते हैं , साथ ही सूरजकुंड में ही स्थित मंदिर में पूजा अर्चना भी करते हैं।
यहाँ पर नहाने के स्नान गृह के अलावा कई सारे कुंड मौजूद हैं जहाँ से गर्म जल का ही प्रवाह होता है। कई लोगों का यह भी मानना है की अगर किसी व्यक्ति को त्वचा सम्बंधित किसी प्रकार का रोग है तो यहां के जल से स्नान करने से त्वचा रोग समाप्त हो जाता है।
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पारसनाथ पहाड़
पारसनाथ पहाड़ गिरिडीह जिले में स्थित है। यह जगह Trekking में इच्छा रखने वालों के लिए श्रेष्ट साबित हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि इस पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 1365 मीटर है जो की लगभग 4478 फ़ीट है।
यह झारखण्ड राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। इस स्थान पर जैन धर्म का तीर्थ स्थल भी है। यहां दूर दूर से पर्यटक इसकी खूबसूरती को निहारने आते हैं। पहाड़ी पर कई सारे काफी सुन्दर सुन्दर आकृति के मंदिर बने हुए हैं जो सभी पर्यटकों को चकित करते हैं।
पहाड़ी के अलावा भी कई सारे मंदिर पहाड़ी के निचे भी बने हुए हैं जो की बेहद खूबसूरत और मनमोहक आकृतियों में बनाये गए हैं।
त्रिकूट हिल्स
त्रिकूट पहाड़ देवघर जिला में स्थित है। यहाँ की खास बात यह है की लोह यहां इसलिए भी खींचे चले आते हैं क्योकि यहाँ का दृश्य तो मन मोहने के लिए तो काफी है ही पर साथ ही साथ यहाँ के रोपवे का भी आनंद लिया जा सकता है।
हलाकि कुछ ही महीनो पहले रोपवे में एक हादसा की वजह से फ़िलहाल इस सेवा को बंद कर दिया गया है जो की सभी सेफ्टी के साथ फिर से शुरू किया जायेगा।
नकटा पहाड़
यह जगह रांची शर से लगभग 60 किमी की दुरी पर स्थित है। शहर के शोर-गुल से बिलकुल शांत और एकांत। इस जगह पर जाना दो पहिये से ही ज्यादा आसान रहेगा क्योकि यहाँ पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बनाई गयी है।
जिस वजह से कार या टैक्सी से पहुँचने वालों के लिए थोड़ी परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है। पहुँचने के बाद थोड़ी उबड़ खाबड़ रास्तों को पर करते हुए नाता पहाड़ी के रास्तों पर कहते हुए ऊपर पहाड़ी के छोटी पर पहुंचना है।
पहुँचने के बाद वहां का दृश्य कुछ ऐसा होता है मानो हम चरों ओर से केवल हरियाली से घिरे हुए हैं। वहां के स्थानीय इस जगह को नकटा टुंगरी के नाम से भी जानते हैं।
मैक्लुस्कीगंज
नकटा पहाड़ी से 13 किमी की दुरी परस्थित है मैक्लुस्कीगंज: झारखण्ड का मिनी लंदन। दरअसल यह जगह अंग्रेजों द्वारा बसाई गयी थी जो की एंग्लो इंडियंस के नाम से भी जाने जाते थे।
उन्होंने इस जगह को इसलिए चुना क्योकि यह जगह अंग्रेजों के लिए उनके लन्दन जैसा ही वातावरण का महशुस करवाता था। जो कि इस जगह को बसने का मुख्या कारण रहा।
यहाँ अभी भी कई सारे पुराने अंग्रेजों के द्वारा बनायीं गयी इमारतें मौजूद हैं जो उनके बनावट का परिचय देती है . पर अब उन इमारतों घरों को रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया गया हैं। साथ ही कई सारे छोटे छोटे झरने भी मौजूद हैं।
यहाँ एक और खास बात यह भी है की यहाँ मंदिर , मस्जिद , चर्च और गुरुद्वारे का समूह भी है जो हम सभी को एकता व् भाईचारे का सन्देश देता है।
Conclusion : तो आज हमने झारखण्ड के कुछ ऐसे जगहों के बारे में जाना जहाँ इस ठंढ में भी घूम कर आनंद लिया जा सकता है।
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Frequently Asked Questions
List of Places to Visit in Jharkhand
नेतरहाट, दलमा पहाड़ , किरीबुरू , लुगु बुरु , त्रिकूट , नकटा, मैक्लुस्कीगंज कुछ मुख्य स्थान हैं जहाँ ठंढ में जाया जा सकता है।