5 जून , इसे पूरे विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है । हर साल इसे अलग अलग देश मेजबानी कर इसे मानते हैं । हमारे देश भारत ने अपनी मेजबानी कर विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2011 में मनाया था ।
आजकल के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में बहुत कम लोग ही ऐसे होते है जो पर्यावरण को लेकर भी अपने मन में गहरे विचार रखते हैं ,उनपर खरा उतरते हैं । और अपने पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान देते हैं।
तो आइए जानते हैं उनमें से कुछ झारखंड के पर्यावरण रक्षकों के बारे में जिन्होंने अपने निजी जीवन को त्याग कर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी और इच्छा दिखाते हुए पर्यावरण को बचाने में बहु मूल्य जीवन समर्पित कर रहे हैं ।
झारखंड के कुछ पर्यावरण रक्षकों के नाम
- जमुना टुडू
- बुलू इमाम
- गौरव आनंद
- सौरभ कुमार
- सागर चन्नान
- संतोष शर्मा
जमुना टुडू ( Jamuna Tudu ) :
जमुना टुडू उन लोगों की मिशाल है जो छोटे से गांव के होने के बावजूद भी बड़े मकसद को लेकर कितने असाधारण काम कर सकते हैं । जमुना टुडू झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के एक छोटे से गांव मुटुरखाम की रहने वाली हैं ।
वर्ष 2019 में जमुना टुडू को राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री से सम्मानित भी किया गया है । पद्म श्री जमुना टुडू 1998 से लेकर आज तक निरंतर अपने गांव के जंगलों को बचाने में ,इसे बढ़ने में और पर्यावरण को बचाने के मुहिम में लगी हुई हैं ।
1998 से लेकर आज तक जमुना टुडू न सिर्फ अपने गांव के आसपास के जंगलों को माफियाओं के हाथों साफ होने ( काटे जाने ) से बचाया है बल्कि अपने गांव के साथ साथ अपने पड़ोसी गांवों और दूर दूर के गांवों के लोगों को भी जंगल और पर्यावरण से प्रेम करना सिखाया है ।
जंगल के सारे पेड़ जमुना के लिए उनके भाई जैसे हैं ।जिनके लिए वह एक नहीं बल्कि कई बार अपनी जान खतरे में डाल चुकी हैं । आज जमुना टुडू को लोग लेडी टार्जन ( Lady Tarzen , Tarzen Women ) , वन माता ,वन देवी के नाम से भी जानी जाती हैं ।
बुलू इमाम ( Bulu Imam )
झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले बुलू इमाम एक पर्यावरण संरक्षक हैं जो पर्यावरण को बचाने के साथ साथ जनजातीय आदिवासी संस्कृति और इनकी विरासत को बढ़ावा देने की लिए निरंतर प्रयास करते रहे हैं ।
बीते 2 दशक में उन्हें पर्यावरण की रक्षा करने की बारे में तब खयाल आया जब बड़ी बड़ी कंपनियां विकास के नाम पर हमारे सारे खनिज पदार्थों को जमीन से निकाल रहे थे और इसे खोखला कर रहे थे ।
बुलू इमाम बड़ी बड़ी पत्थर माफियाओं की कंपनी और खनिज पदार्थों खानों को बनाने वाली कंपनियों के सख्त खिलाफ थे . उनका यह भी मानना है कि अगर इसी तरह यही रफ्तार से जंगल कटते रहे तो आने वाला भविष्य पत्थर काफी खतरनाक और भयावह साबित हो सकता है ।
वर्ष 2019 में बुलू इमाम को भी सक्रिय पर्यावरण रक्षक ( Environmental Activist ) के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया ।
सौरभ कुमार ( Saurabh Kumar )
2020 में जमशेदपुर को सबसे स्वच्छ शहर के लिए पुरस्कृत किया गया था । जिसमें सौरभ कुमार जी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा ।
सौरभ पूरे जमशेदपुर के स्वच्छता स्वयंसेवक ( Volunteer ) में से एक थे जिन्होंने सभी जमशेदपुर वासियों को अपने घर के कचरे को पूरी तरह से प्राकृतिक खाद बनने की तकनीक बताई ,जो इस स्वच्छता मिशन में बहुत ही कामगार एवं मददगार साबित हुई ।
उन्होंने फल के जूस से निकलने वाले बेकार छिलकों से फर्श साफ करने के लिए फ्लोर क्लीनर ( Floor Cleaner ) भी बनाने के तरीके बताए । जो बाहर कहीं कचरे फैलने से कई गुना बेहतर साबित हुआ ।
सागर चन्नान ( Sagar Channan )
Jamshedpur के ही रहने वाले सागर चन्नान पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह के तरीके अपनाए हैं । साथ ही साथ वह गांव के महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं ।
वह प्लास्टिक और फोम से बने पत्तलों और प्लेट के शख्त खिलाफ हैं जिसका बहिष्कार करते हुए उन्होंने गांव के महिलाओं द्वारा पेड़ से गिरे पत्तों को चुनकर उससे पत्तल ,प्लेट एवं कई सारे पत्तों की वस्तुएं जैसे चटाई बनाने के लिए प्रेरित किया .
जिनके बदले वह उनकी बिक्री होने पर मुनाफा सारी महिलाओं में ही बांट देते हैं । जिससे सारी महिलाओं के घर में पालन पोषण करने में काफी मदद मिलती हैं ।
गौरव आनंद ( Gaurav Anand )
जमशेदपुर में कई सड़कें ऐसी भी हैं जो प्लास्टिक के कचरे से तैयार हुईं हैं । जिसमे गौरव आनंद और उनके पूरे सहकर्मियों द्वारा इसे सफल बनाया गया है ।
वर्तमान में गौरव बायोगैस प्लांट को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं क्योंकि यह पूरे पर्यावरण में बिल्कुल न के बराबर नुकसानदेह है । इसके साथ साथ यह नदियों को भी स्वच्छ करने की भी मुहिम चलाई है जिसका नाम उन्होंने ” स्वच्छता पुकारे ” रखा है ।
हम और आप भी इनके तरह ही मिलकर पूरे पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बना सकते है । हमारे एक एक छोटे कदम से एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है ।
कुछ ऐसे आसान काम जो पर्यावरण को बचाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं –
1. जब भी घर से बाहर निकले याद से घर के सारे बिजली उपकरण जैसे लाइट ,पंखे ,AC , बंद कर दें , इससे बिजली की भी बचत होगी ,आपकी बजली बिल भी काम आयेगी और साथ ही साथ पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी ।
2. मुंह धोते वक्त या नहाते वक्त नल को खुले छोड़ ,जल को व्यर्थ न बहाएं , इससे पीने योग्य पेयजल की बरबादी ही होती है । कोशिश करें की मुंह धोने के लिए किसी जग या लोटे का इस्तेमाल किया जाए और नहाने के लिए बाल्टी में पानी भर कर नया जाए ना की बाथ शॉवर ( shower) का इस्तेमाल किया जाए ।
3. घर से बाजार जाते वक्त एक कपड़े का झोला लेना कभी न भूलें , क्योंकि इस भूलने की आदत से ही आधे से अधिक लोग प्लास्टिक की बिक्री को बढ़ावा देते हैं। उस क्षण वह चाह कर भी प्लास्टिक को मना भी कर पाते हैं ।
4. अपने हर जन्मदिन में कम से कम एक पेड़ तो लगाना ही चाहिए । आए दिन इतने सारे जंगल नष्ट होते जा रहे हैं ।जो भविष्य में संकट भी पैदा कर सकता है । इसलिए पेड़ों को लगाना बहुत ही आवश्यक होता जा रहा है ।
5. ……………यह कॉलम आपके लिए । आप अपने आप में में सोचिए की ऐसा क्या किया जाए जिससे कोई बड़ी नही तो छोटी ही सही पर पर्यावरण को सुरक्षित ,स्वच्छ और सुंदर बनाने में मदद करे ।
आज के लिए बस इतना ही । आप अपने अंदर क्या क्या बदलाव करने वाले हैं हमें बताएं अपने एक कॉमेंट के साथ हमें आपके कॉमेंट का इंतजार रहेगा। हमसे जुड़ने के लिए आप हमारे इंस्टाग्राम , फेसबुक पेज पर भी जुड़ सकते हैं साथ ही साथ हमारे टेलीग्राम चैनल पर भी जुड़ सकते हैं ।