क्या आप झारखंड राज्य के पुराने नाम जानते है ?
जानते है तो बहुत बढ़िया अगर नहीं तो हम आपको बताना चाहेंगे की झारखंड राज्य के नामकरण के पीछे काफी रोचक तथ्यों के साथ झारखण्ड के कई पुराने नाम रह चुके हैं ।
पौराणिक कालों से नाम बदलते हुए यह झारखंड का नाम इस राज्य को प्राप्त हुआ है । झारखंड के कई सारी पुरानी नाम रह चुके है जो की समय समय पर बदलते हुए अभी झारखंड के नाम स्थाई है ।
अभी झारखंड के कई सारी जगह ऐसी भी हैं जो अब तो अपने नाम से काफी प्रचलित हो चुके हैं पर शायद ही आप उनके पुराने नामों से जानते होंगे ।
तो चलिए जानते हैं पौराणिक कालों और पुराने समय में ये प्रचलित स्थानों के नाम किस प्रकार के थे ।
नया नाम | पुराना नाम |
---|---|
छोटा नागपुर | पुण्ड / पुंड्र |
रांची क्षेत्र | कोकरा / सुखरा |
रांची | विलकिंसनगंज / विशुनपुर |
पलामू | पलाउन / पालून |
डाल्टनगंज | बिजराबाग |
संथाल परगना | नरीखंड / जंगल तराई |
टाटा नगर स्टेशन | काली माटी स्टेशन |
बैद्यनाथ धाम ( देवघर ) | बैजनाथ मठ |
बोकारो | माराफारी |
मयूराक्षी | मोरखी |
रांची पहाड़ी | फांसी टुंगरी |
रांची झील | साहेब बांध |
मलूटी | गुप्त काशी |
श्री रामरेखा पर्वत | प्रवर्षण गिरी |
टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी ( TELCO ) | पेनिसुलर लोकोमोटिव कंपनी |
इंडियन एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड | एल्यूमीनियम प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड ऑफ़ इंडिया |
केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान | रांची यूरोपियन लूनेटिक एसाइलम |
संत कोलंबा महाविद्यालय , हजारीबाग | डब्लिन यूनिवर्सिटी मिशन कॉलेज , हजारीबाग |
झारखंड कला संगम | नागपुरी कला संगम |
कीनन स्टेडियम , जमशेदपुर | टेंपल ग्राउंड , जमशेदपुर |
जमशेदपुर | साकची |
- यह भी जानें : झारखंड के प्राचीन नाम
झारखण्ड में रोचक तथा अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों की जरा भी कमी नहीं है। झारखण्ड में एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगह भरे पड़े है। उनमे से ठंढ के दिनों में काफी प्रचलित रहने वाली झारखण्ड के गर्म जलकुंड है.
यह जानकर आपको आश्चर्य भी होगा की पुरे भारत में सबसे गर्म जल निकलने वाला जलकुंड हमारे झारखण्ड में ही है। इस जगह के बारे में जानने के लिए यह पढ़ें।
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