हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में हम विज्ञान से चारों ओर से घिरे हुए हैं ।प्रतिदिन जो भी काम हम करते है हर काम में विज्ञान का प्रयोग होता है । हम बिना विज्ञान के अपने निजी जीवन को नहीं जी सकते है । यह हमारे जीवन का अमूल्य भाग है जो जीवनभर साथ रहती है ।
विज्ञान जो अपने आप में कई सारी ज्ञान संजोए हुए है । विज्ञान से हमें कई नई चीजों के बारे में जानने को मिलती हैं । बिजली का उत्पादन , बल्ब का आविष्कार , गुरुत्वाकर्षण , पंखे का घूमना और ऐसी कई सारी आश्चर्यचकित चीजें है जिनमें विज्ञान का प्रयोग होता है। यहां तक कि जादूगर को जादू दिखाते है उनमें भी कई सारे करतब उनके विज्ञान से ही संबंधित होते हैं ।
कहां है विज्ञान केंद्र ( Science Centre ) ?
ये तो हुई विज्ञान की बातें अब हम चलते हैं अपने झारखंड की विज्ञान केंद्र की ओर । यह विज्ञान केंद्र झारखंड के राजधानी रांची के चिरौंदी जगह पर स्थित है । यह विज्ञान केंद्र पूरे झारखंड का सबसे बड़ा विज्ञान केंद्र है ।
यहां पर प्रवेश करने के लिए प्रति व्यक्ति 20 रुपए की Entry Ticket लेना पड़ता है । अंदर रास्ते के दोनों ओर गार्डन बने हुए है । जिनमें झूले का भी प्रबंध है । छोटे बच्चे इसका खूब आनंद लेते हैं ।
विज्ञान केन्द्र के अंदर क्या क्या है ?
विज्ञान केन्द्र के अंदर कई सारी वैज्ञानिक यंत्र लगे हुए है । जिनमें झारखंड के बारे में बहुत सी जानकारियां दी गई है। जैसे झारखंड में पाई जाने वाली खनिज पदार्थ किस किस जगह से प्राप्त होती हैं।
यह सभी ज्ञान खेल के माध्यम से भी सीखा का सकता है। जिसके लिए वहां पर लगे हुए स्क्रीन पर क्विज का प्रबंध किया हुआ है । कई सारी रोचक जानकारी ऐसे ही खेल खेल में लिया जा सकता है ।
Ground Floor में बायी ओर कोयले की खदान का एक प्रारूप (Model)। बनाया गया है जिसमें यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार हमारे कोयला खदान के मजदूर खदान के अंदर जाकर कोयले को खोदते हैं तथा उसके इस प्रकार मशीनों का प्रयोग कर उसे बाहर निकालते हैं ।
यह कोयले की खदान में अंदर जाने पर बिल्कुल वैसा ही प्रतीत होता है जैसे कि एक अंधेर से घिरे कोयले की खदान पर होती है । और यह हमें बताती की कैसे मजदूर अपनी पूरी मेहनत से धरती से काले हीरे अर्थात कोयले को निकालते हैं।
आगे बढ़ने पर अगला द्वार एक जंगल का प्रारूप का है । जिसके अंदर कई सारे पेड़ – पौधे , जंगली जानवर , पंक्षी , सांप ,बिच्छू के पुतले बनाए गए है । यहां अंदर जाने के बाद हमें एक बीच जंगल में होने का आभास होता है । मानो चारों तरफ सिर्फ जंगल ही जंगल और अंदर सिर्फ जंगली जानवर ।
जो अंदर ही अंदर मन को रोमांचित करती है । हालाकि ये इतने भी डरावने नहीं हैं क्योंकि यह तो बस एक प्रारूप है जो हमें इन सब चीजों की आभास कराती है ।
आगे बढ़ने पर हमें पूरे झारखंड के प्रारूप को देखने को मिलता है । यहां के जााति- जनजाति साहित्य – कला , नृत्य , वाद यंत्र , इत्यादि के बारे में बताया गया है तथा इनके प्रारूप भी बनाए गए हैं ।
ढोल , मांदर , शहनाई , धान की कटाई जैसे कई मनमोहक कलाकृतियों का प्रारूप यहां बनाया गया है जो देखने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं । और इसके बारे में जानने के लिए प्रेरित करती हैं।
अब बढ़ते है विज्ञान की ओर , वैसे तो यहां विज्ञान से संबंधित अनेक तकनिकी यंत्र भरे पड़े है । जो देखने वालों को आश्चर्यचकित कर देता है । पर इनमें से कुछ ऐसे है जो दर्शकों के इच्छाओं की ललक को अपनी ओर कुछ ज्यादा ही आकर्षित करती हैं ।
जिसमें एक है जादुई आइना । जिसे हम Magical Mirror भी कह सकते है । इसमें अंदर जाने के बाद बाहर के दर्शकों को सिर्फ अंदर गए व्यक्ति का सर ही दिखाई देता है । ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर विज्ञान का प्रयोग किया गया है।
जिसमें बाहर से लगे आइने में उसके सामने की लगी पट्टी को ही दिखाता है । जिससे बाकी शरीर नहीं दिख पाता और ऐसा प्रतिबिंब (reflection) बनता है मानो व्यक्ति का आधा शरीर गायब हो चुका हो ।
ऐसी ही एक और अद्भुत , आश्चर्यचकित करने वाला यंत्र है जिसमें व्यक्ति अंदर जाकर अपने छाए को रोक कर देख सकता है । यह यंत्र भी अपने दर्शकों को काफी आकर्षित करता है। सबसे पहले इसमें व्यक्ति अंदर जाता है ।
फिर अपनी कोई भी मनचाही आकृति में छाया बनाता है ।जिसके बाद एक व्यक्ति बाहर लगे स्विच को दबाता है जिससे अंदर में एक बल्ब जल कर बुझ जाती है ।फिर सामने पर्दे पर उसी आकृति की छाया कुछ डर तक ठहरी हुई नजर आती है ।
ठीक सामने एक गेंद हवा में उड़ता दिखाई देता है जो की हवा में ही नाचता रहता है। दरअसल यह एक मोटर द्वारा निलकते हवा की वजह से गेंद हवा में तैरती नजर आती है ।यदि मोटर बंद कर दिया जाए तो गेंद वापस मोटर के मुख पर आकर स्थिर हो जाती है । यह उड़ती गेंद भी दर्शकों का आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
यह तो हुई छोटे बच्चों के विज्ञान की बात अब चलते है थोड़ा Upper Level कि विज्ञान की ओर जो की First Floor में दर्शाया गया है । ऊपर आने के बाद कई सारी चीजें ऐसी नज़र आती है जो की हर Science Stream वाले विद्यार्थी को अपनी कक्षा 11 वीं और 12 वीं की याद दिला देती है । वैसे तो यहां पर भी कई सारे मशीन पड़े है जो विज्ञान के सिद्धांतों पर काम करती है ।
उनमें से है जैसे हेलीकॉप्टर के उड़ने की तकनीक ,सिद्धांत । जिसमें दर्शाया गया है कि किस प्रकार हेलीकॉप्टर उड़ान भरता है । कैसे कैसे सारे मशीन काम करते हैं यह भी बताया गया है ।
चार पहिए वाहन का मॉडल भी बनाया गया है जो चार पहिए वाहन की जानकारी देता है । उसके ब्रेक सिस्टम के बारे में भी बताया गया है । ऐसे ही कई सारे मशीनों के बारे में उनके प्रारूप के साथ बताया गया है ।
जुरासिक पार्क ( Jurrasic Park )
एक जुरासिक पार्क हमारे झारखंड में भी । विज्ञान केन्द्र के अंदर ही स्थित एक पार्क को जुरासिक पार्क का प्रारूप दिया गया है ।यहां तरह तरह के डायनासोर के आकृति देखने को मिलती है। जो आकर में बहुत ही बड़े बनाए गए हैं। जो दर्शकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते है ।
जिस प्रकार जुरासिक पार्क फिल्म में कई तरह के डायनासोर के प्रजातियों को दिखाया गया है उसी प्रकार यहां भी भिन्न भिन्न डायनासोर के प्रजातियों के बारे में बताया गया है।
यहां पर छोटे छोटे बच्चों को School Trip पर लाया जाता है । जिससे बच्चो में हर नए चीजों को जानने की उत्सुकता जगी होती है । बच्चे यहां आकर विज्ञान के साथ साथ झूलों का भी आनंद लेते हैं। यदि आप भी विज्ञान से जुड़े जानकारी को जानने के शौकीन हैं टोबेक बार यहां जरूर जाएं ।
यदि आप इस जगह को घूमने का प्लान कर रहे हो तो ध्यान रहे हर मंगलवार (Tuesday Off ) को विज्ञान केन्द्र में अवकाश रहता है । कहीं ऐसा ना हो कि आप घूमने गए और वह दिन मंगलवार हो । जिससे आपको निराशा से वापस घर लौटना पड़े ।
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